नई सुबह
नई सुबह की मंगल वेला, मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला| पढ़ें बढ़ें और आगे आएं, हर मुश्किल में इतराएँ, जीव वाटिका के पुष्पों को, मुरझाने से आप बचाएं, सभी प्राणियों के जीवन में लगा रहे खुशियों का मेला | क्रोध मोह लगने न पाए, गर लग भी जाये, आत्म शांति का द्वार खोल कर, मन स्थिति पर काबू पायें, जीवन जीना दो पल जीना, जितना जीना मन से जीना, उस जीवन में नहीं रहे तू कभी अकेला| नई सुबह की मंगल वेला, मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला|