नई सुबह
नई सुबह की मंगल वेला,
मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला|
पढ़ें बढ़ें और आगे आएं,
हर मुश्किल में इतराएँ,
जीव वाटिका के पुष्पों को,
मुरझाने से आप बचाएं,
सभी प्राणियों के जीवन में लगा रहे खुशियों का मेला |
क्रोध मोह लगने न पाए,
गर लग भी जाये,
आत्म शांति का द्वार खोल कर,
मन स्थिति पर काबू पायें,
जीवन जीना दो पल जीना,
जितना जीना मन से जीना,
उस जीवन में नहीं रहे तू कभी अकेला|
नई सुबह की मंगल वेला,
मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला|
मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला|
पढ़ें बढ़ें और आगे आएं,
हर मुश्किल में इतराएँ,
जीव वाटिका के पुष्पों को,
मुरझाने से आप बचाएं,
सभी प्राणियों के जीवन में लगा रहे खुशियों का मेला |
क्रोध मोह लगने न पाए,
गर लग भी जाये,
आत्म शांति का द्वार खोल कर,
मन स्थिति पर काबू पायें,
जीवन जीना दो पल जीना,
जितना जीना मन से जीना,
उस जीवन में नहीं रहे तू कभी अकेला|
नई सुबह की मंगल वेला,
मै चाहूँ, न चाहूँ, सभी प्राणियों के मन में हो एक उजाला|
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