माँ
किसी को देखा धूप में,
अपने सर का आंचल, उसे उढ़ाये,
गर्म लपटों से बचाते,
एक एक साल बड़ा कर रही है |
आज वर्षों बाद, उसे फिर देखा,
थोड़ी झुर्रियां, बाल श्वेत , आँखों की चमक और भाव वही,
बार बार आंचल रखती है उसके सर पे, वो हटा देता,
आज शायद उसके हाथ चल रहे थे,
बोल सकता था,
चल सकता था,
वो बड़ा हो गया था |
माँ में उम्र के आलावा कुछ नहीं बदला |
"विद्या चाहिए माँ सरस्वती, वैभव चाहिए माँ लक्ष्मी, बल चाहिए माँ दुर्गा,
ये सब चाहिए, अपनी माँ || "
अपने सर का आंचल, उसे उढ़ाये,
गर्म लपटों से बचाते,
एक एक साल बड़ा कर रही है |
आज वर्षों बाद, उसे फिर देखा,
थोड़ी झुर्रियां, बाल श्वेत , आँखों की चमक और भाव वही,
बार बार आंचल रखती है उसके सर पे, वो हटा देता,
आज शायद उसके हाथ चल रहे थे,
बोल सकता था,
चल सकता था,
वो बड़ा हो गया था |
माँ में उम्र के आलावा कुछ नहीं बदला |
"विद्या चाहिए माँ सरस्वती, वैभव चाहिए माँ लक्ष्मी, बल चाहिए माँ दुर्गा,
ये सब चाहिए, अपनी माँ || "
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