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स्वतंत्रता दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनायें !!

स्वतंत्रता दिवस पर सभी को हार्दिक  शुभकामनायें !! दोस्तों मुझे किसी विद्वान की बात याद आ रही है कि यदि " आपको आज़ाद रहना है तो आज़ादी का मतलब मत भूलो " हमें यह आज़ादी बहुत प्रयासों के उपरांत प्राप्त हुयी है । हमें इसे बचा के रखना होगा अन्यथा अब हमारे पास नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्र शेखर आज़ाद , वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गाँधी और भगत सिंह जैसे नेता तो नहीं हैं, कि फिर से मर के या अनसन करके हमें आजाद करा लेंगे।  माफ़ कीजियेगा परन्तु आज अर्थात 15 अगस्त  जितनी चाक चौबंद व्यवस्था  तो आप शायद ही साल में कभी देख पायें। यदि आपने नहीं देखी  तो देख लीजिये इससे सुनहरा मौका फिर नहीं मिलेगा मेरे कथन का सीधा सा तात्पर्य यह है  कि  आज आप सुरक्षित हैं। बेफ़िक्र  रहिये कही कोई धमाका नहीं हो सकता । जानते हैं क्यों ?? क्यों कि  आज  हम आज़ाद हुए थे  :) क्या ऐसा साल के 365 दिन संभव नहीं है ? आज के दिन गाड़ी से सभी कागज रख के,  हेलमेट लगा के निकलते हैं कि चौराहों पर हमारे पुलिस के जवान खड़े होंगे कहीं चालान ना भरना ...

मेरा भाग्य या देश का दुर्भाग्य

मित्रों, काफी दिनों बाद आज एक कहानी के साथ आपसे फिर जुड़ रहा हूँ ।  दरअसल ये कहानी नही, एक सत्य  घटना है जो मेरे साथ घटित हुयी। अपनी दिनचर्या के विपरीत मै सुबह ६:३० बजे उठ कर सरकारी बस पकड़ने भागा और वो तो कहो मेरे भाग्य अच्छे थे जो बस पकड़ पाया। मै अपनी तहसील पहुँच कर बस से उतर गया और रास्ता लिया मामा के घर का। मामा से मिलके हार्दिक प्रशन्नता हुयी, नास्ते - वास्ते के बाद हमने जिला मुख्यालय जाने के लिए बस ली। अभी तक आप सोच रहे होगे कि,  कहानी कब शुरू होगी । बस थोडा इंतजार कीजिये घटना की शुरुवात हो चुकी है । दरअसल यह एक घटना या कहानी नहीं है, यह एक समस्या है जो हमने अपनी सरकार के लिए और सरकार ने हमारे लिए खड़ी कर रखी है । दोस्तों बस में मेरा परिचय एक नौजवान कृषक मोहन  से  हुआ ।  आपने और हमने आजादी से पहले के जमीदारों के बारे में सुना है परन्तु आपको ये सुनकर हैरानी होगी कि, ये नौजवान आधुनिक भारत के ज़मीदार हैं । इनके पास यही कुछ २५० से ३००  बीघे जमींन है । हमारी बात कुछ ऐसे शुरू  होती है - मोहन - इ...

प्रीत लगाकर क्या पाओगे

प्रीत लगाकर क्या पाओगे  नयन नचेंगे तेरे अंगना, कंगना पहनाकर दीवाना कहलाओगे | मस्ती डूबेगी अश्रु कणों में, चंचलता छुप जाएगी । बस चार दिनों में बचपन की सीढ़ी भी गिर जाएगी  | नयी नवेली सुबह को पाकर युवा पुरुष हो जाओगे । प्रीत लगाकर ------------------------------------ तन मन में ताना तानी होगी,  दर्पण में अपने ही प्रतिबिम्बों से छुट्टी होगी । बिना धृत का दीप जलाकर,  उसी दीप को अपने हांथों शांत करोगे ।   प्रीत लगा कर------------------------------------ प्रीत लगाकर क्या पाओगे  नयन नचेंगे तेरे अंगना, कंगना पहनाकर दीवाना कहलाओगे |

यूँ क्या जीवन जीना राही बिन पहलू के

यूँ क्या जीवन जीना राही बिन पहलू के, दीपक के जलने से क्या बुझ गए अँधेरे इस जीवन के । कृतिम  करुण बस बुझने वाली,      लौ बतलाये कठिन तरीके जीने के । दीपक के जलने से क्या बुझ गए अँधेरे इस जीवन के । कोई प्रेमी प्राणों का तो कोई उस परमेश्वर का,      पर किस प्राणी ने जीना सीखा बिना किसी नसीहत के ।  दीपक के जलने से क्या बुझ गए अँधेरे इस जीवन के ।   बस उसी किरण के पाने की उम्मीद में जगा,      मन का वेग दशमलव के अंको में भागा । रीति , प्रीति के बंधन से उद्दगम होते रस करुणा के। दीपक...

चेहरा बदल जाता है, हम न बदलें यही अरमान है ।

चेहरा बदल जाता है, हम न बदलें यही अरमान है । फिर भी पुराने चेहरों के बदलने की गाथा बदनाम है । जब कभी राह चलते चलते थक जायेंगे ,  आपका नाम लेकर मुस्कुराएंगे । ये बीते हुए पल, मेरी आँखों के कोरों से लुढ़क कर बताएँगे ,  मेरा भूत ही मेरी पहचान है । चेहरा बदल जाता है, हम न बदलें यही अरमान है ।  मेरे दोस्त सभी जानते हैं,  एक न एक दिन सभी को दूर जाना है । फिर भी कुछ दूर साथ चले,  यही क्या कम इम्तहान है । चेहरा बदल जाता है, हम न बदलें यही अरमान है । फिर भी पुराने चेहरों के बदलने की गाथा बदनाम है ।   

अन्धविश्वाश या पढ़ा लिखा बेवकूफ

अन्धविश्वाश या पढ़ा लिखा बेवकूफ            हम भारतीय अपने कर्मो के साथ साथ आस्थाओं और अन्धविश्वाशों  का भी स्मरण रखते हैं और उनका सम्मान करते हैं । कोई भी कार्य करने से पूर्व हमे ये याद रहे न रहे की कार्य की शुरुवात कैसे करनी है, परन्तु हम ये नहीं भूलते की हमे भगवन को प्रसाद अर्पण करना है या भोले बाबा को जल देना है । आज सुबह जब कार्यालय के लिए निकला तो अकेला था कार्यालय के पास ही एक मित्र मिल गए। बड़े ही आस्थावान वहीँ पास के मंदिर में भगवन की पूजा की अपना तिलक किया और मेरा भी । हमें मित्र की तरफ से आशीर्वाद मिला की आज आपका दिन अच्छा जायेगा, हमें भी यही उम्मीद थी । बस हम मंदिर से निकले ही थे की भगवान् शंकर के आभूषण सर्प देवता के दर्शन हो गए ,  हमें लगा सच में आज का दिन बहुत शुभ है उनको प्रणाम किया और जैसे ही चलने वाले थे की संपेरे ने कहा कुछ दान तो करते जाइये हमें उसकी बात उचित लगी हमने दस रुपये निकाले और उनको दे के चलने को हुए तभी सपेंरे ने कहा वत्स अपना कोई बड़ा नोट निकालो और  सर्प देवता को स्पर्श करके अपने पा...

The life must go on

You haven’t paid your rent, Landlord isn’t much of a friend, He wants his 50 dollars 30 cents, Or you’ll be booked for offense, You’ll be kicked out, but Find new house, new town. For life goes on.  Her name is Alice, Yesterday you got your first kiss, Today she tells it is all over, She saw you with another miss. Before you tell her it was only your sis, It’s a bye-bye-Alice. Alices will go but Sallies will come, Don’t worry; life goes on.  You’ve finally found a new job, Good pay, not much work on the shop, Your packet’s picked on the morning train, “Oh my God,” you’re late again. The boss doesn’t listen, says you are outta job You are a rolling stone again. Don’t worry they say “It can’t worse.” And life rolls on.  Got no girls to call your own, No job, no money, no home, You’ve been searching for a bench to sleep on. Everything’s so bleak ‘n forlorn....